साइलेंट किलर - बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले, कैसे बचायें हम अपनी युवा पीढ़ी को

साइलेंट किलर - बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले, कैसे बचायें हम अपनी युवा पीढ़ी को

आज युवा वर्ग में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ समय से कई लोग 'साइलेंट किलरÓ की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठे हैं। हाल ही में हार्ट अटैक से मशहूर कॉमेडिन राजू श्रीवास्तव, ओम पुरी, दीपेश भान, आबिर गोस्वामी, सोनाली फोगाट, सिद्धार्थ शुक्ला, दीपेश भानव, सिद्धांत वीर सूर्यवंशी, सिंगर के. के. श्रीदेवी, इंदर कुमार, रीमा लागू जैसे लोकप्रिय स्टार चल बसे। मशहूर क्रिकेटर सौरभ गांगुली भी चपेट में आये, खैर राहत की बात है कि वे अब स्वस्थ हैं। ऐसे में चिन्ता होना स्वाभाविक है कि कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। पहले उम्रदराज लोगों को ही यह जानलेवा बीमारी लगती थी। आजकल युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहेहैं। दिल की बीमारियों का खतरा 45 या 50 साल की उम्र के बाद शुरू होता था लेकिन पिछले दस साल के आंकड़ों को देखें तो युवाओं में हार्ट अटैक और स्ट्रोल के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें 20 से 30 साल तक के युवा भी शमिल हैं।


अब हर 5 में से 1 हार्ट अटैक के मरीज की उम्र 40 साल से कम है। साल 2000 से अब तक के जो आंकड़ें सामने आये हैं उसमें हार्ट अटैक के मामले युवाओं में हर साल 2 प्रतिशत बढ़ रहे हैं। आखिर हमारी युवा पीढ़ी में हार्ट अटैक के मामले तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं?

अगर युवा ये सोचकर लापरवाह है कि उनकी उम्र कम है और कम उम्र की वजह से उन्हें हार्ट अटैक से कोई खतरा नहीं है तो ऐसा बिलकुल नहीं है। एक बार हार्ट अटैक आने के बाद आपको कभी दूसरा मेजर हार्ट अटैक या स्ट्रोक आ सकती है इसलिए इस समस्या को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

कुल मिलाकर आदमी की उम्र बढ़ रही है। सत्तर-अस्सी वर्ष पूर्व 60-65 वर्ष की उम्र में व्यक्ति अपनी अंतिम विदाई की प्रतीक्षा करता था।  पर अब 70-75, यहां तक क ि80-82 वर्ष की उम्र के लग बड़ी तादाद में हैं। यही नहीं वे स्वस्थ एवं सक्रिय भी हैं। वहीं दूसरी ओर हमारी युवा पीढ़ी के गर्दन पर जानलेवा बीमारी की तलवार लटकती दिख रही है।

आज के समय में हर कोई एक-दूसरे से आगे निकल जाना चाहता है। कभी न खत्म होने वाली जिंदगी की इस रेस में भागते हुए लोग ये भूल जाते हैं कि सेहत है तो सब कुछ है। अगर किसी का स्वास्थ्य गड़बड़ है तो वह कितना भी चाहे अपने कार्यों को अच्छे से नहीं कर सकता है। वहीं उस कामयाबी का भी कोई मतलब नहीं रह जाता है जिसे आप सेलिब्रेट न कर सके। आज पल दो पल में ही अचानक लोग काल के गाल में समा जा रहेहैं। कई सेलीब्रिटीज जो अपनी फिटनेस को लेकर काफी सजग रहते थे, इसके बावजूद हार्ट अटैक ने उनकी जान ले ली।

कोरोना वायरस महामारी के बाद जिसमें एक्सरसाइज करते-करते अचानक हार्ट अटैक आने, डांस करते-करते गिर जाने और फिर मौत हो जाने के मामले अब ज्यादा सुनने में आ रहे हैं। तो क्या बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों का कोरोना वायरस के साथ कोई लिंक है या फिर जिम में एक्सरसाइज करते समय लोग ऐसी गलतियां कर रहे हैं जो जानलेवा साबित हो रही है। कई बार लोग बहुत छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। जैसे अगर जिसमें वेंटिलेंशन सही नहीं है, जिस बेसमेंट में है या घुटन वाला जिम है तो एक्सरसाईज करते समय सांस फूल सकती है। कई बार लोग कम वक्त होने की वजह से बिना वार्म-अप किये ही तेज एक्सरसाईज शुरू कर देते हैं जो काफी खतरनाक साबित हो सकती है। इसके अलावा 35 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग अगर पहली बार एक्सरसाइज कर रहे हैं तो उन्हें अपनी मेडिकल जांच करा लेनी चाहिये क्योंकि कई बार अंदरूनी बीमारियों का पता नहीं होता। अगर आप दिल के मरीज हैं तो हार्ट रेट बढ़ाने वाली एक्सरसाइज जैसे ट्रेडमिल, तेज दौडऩा या तेज साइकिल चलाने से परहेज करें। प्रात: भ्रमण सबसे सुरक्षित एक्सरसाइज है जो कोई भी कर सकता है।

तनावपूर्ण जीवन एवं शारीरिक गतिविधियों में कमी आना हार्ट अटैक के प्रमुख कारणों में बताये जा रहे हैं। बचपन तो अब खत्म सा हो गया है। अंधाधुंध प्रतियोगिता, फस्र्ट या डिस्टिंक्शन लाने की होड़, घर में बैठकर स्कूल की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करना सभी बच्चों का होम टास्क हो गया है। परिणामस्वरूप वह घर पर अपने परिवार के लोगों के लाड़-प्यार से वंचित हो जाता है। स्वस्थ प्रतियोगिता की जगह आगे निकलने की होड़ में जीत कर वह पस्त हो जाता है, और हारने पर अपनी जीवन को निरर्थक समझने लगता है। इसी के चलते बच्चों में आत्महत्या की प्रवृत्ति भी तेजी से बढ़ रही है। फास्ट फूड या जंक फूड किशोरावस्था में ही बच्चों में सीनियर सिटीजन जैसी मानसिकता पैदा कर देती है। सीढिय़ों पर चलना कम हो गया है। हर वक्त लिफ्ट से ऊपर चढऩा-उतरना शारीरिक सिहरन या स्पन्दन से बच्चो को वंचित कर देता है।

इनके अलावा विभिन्न डाक्टरों एवं समाजशास्त्रियों से बातचीत का जो बिन्दु उभरे हैं वे इस प्रकार हैं-

1. डायबिटीज से बढ़ता है हार्ट की बीमारियों का खतरा - अगर आपको डायबिीज है तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों को डायबिटिीज की समस्या उनमें 2-4 गुना ज्यादा हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं।

2. हाइपरटेंशन है हार्ट अटैक की वजह - हाइपरटेंशन यानि हाई ब्लड प्रेशर हार्ट की बीमारियों के खतरे को तेजी से बढ़ाता है। हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट की मसल्स मोटी होने लगती है जिससे ब्लड वैसेल्स को नुकसान पहुंचता है।

3. मोटापे से बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा- दिल का खतरा ज्यादा होता है, भले ही आप हेल्दी हों।

4. धूम्रपान करना हार्ट के लिए खतरनाक।

5. ड्रग्स से भी बढ़ता है खतरा - हार्ट के लिए ड्रग्स भी नुक्सानदायक होते हैं। इससे हार्टतेजी से धड़कता है और ब्लड प्रेशर बढ़ता है। कोकीन जैसे ड्रग्स आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाते हैं इससे ब्लड वैसेल्ट टाइट होने लगती है और ब्लड प्रेशर बढऩा लगता है।

युवा पीढ़ी हमारे देश की सबसे बड़ी सम्पदा है। उसकी रक्षा राष्ट्रीय मिशन है। सरकार के साथ हर परिवार का इस अभियान में भागीदारी जरूरी है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा राष्ट्र है इसलिए सेना अगर हमारी सीमा को सुरक्षित रखती है तो उपरोक्त छोटी-छोटी बीमारियों से अपने को बचाना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।


Comments