नशाखोरी में धधकता युवा समाज

 नशाखोरी में धधकता युवा समाज

जंगल में मोर नाचा पर किसने देखा?

आजकल जाने माने सिने सुपर स्टार शाहरुख खान के युवराज आर्यन खान सुर्खियों में है। जहाज पार्टी में उनकी उपस्थिति एक सनसनीखेज समाचार में बदल गयी। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने वहां छापा मारकर आर्यन एवं कुछ अन्य छोकरों को दबोचा। 5 अक्टूबर से लेकर आज तक राष्ट्रीय टीवी चैनल का सारा समय आर्यन के इर्द-गिर्द घूम रहा है। आर्यन को गिरफ्तार ही नहीं किया गया, दिनों तक एनसीबी (नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) ने उनसे माथापच्ची की। उसकी जमानत दो बार रद्द कर दी गयी। खैर दोषी को पकड़़ा जाना, उससे पूछताछ और उसके माध्यम से बाकी अपराधियों को शिनाख्त एक प्रक्रिया है ताकि दोषियों को सजा मिल सके। इसलिए उस पर उंगुली उठाना न्यायोचित नहीं होगा।



पिछले साल अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद रिया चक्रवर्ती और उनके भाई की गिरफ्तारी आदि प्रकरणों के पीछे सबसे बड़ा संदेह यही रहा है कि कहीं सुशांत की मौत का कोई लेना देना नशा के कारोबार से तो नहीं है। हालांकि इन संदेहों को साबित करने वाले सबूतों का अभाव रहा है, जिससे घटनाओं की सत्यता को प्रमाणित करना मुश्किल होता है, लेकिन इसमें संदेह की ज्यादा गुंजाइश नहीं है कि कई फिल्मी सितारे खुद भी नशे की चपेट में आए हैं।

नशा सेवन के लिए भव्य पैमाने पर आयोजित की जाने वाली रेव पार्टियों पर छापामारी से अमीर और अभिजात्य तबके के किशोर-युवाओं के उनमें शामिल होने का पता चलता है, पर नशे की एक बड़ी दुनिया इससे बाहर भी है। लो प्रोफाईल होने की वजह से मीडिया में देश के बड़े महानगरों से लेकर गांव-कस्बे तक में फैली नशे की समस्या का ज्यादा जिक्र न हो, लेकिन हकीकत यह है कि नशा तकरीबन हर जगह फैल गया है। ''है कौन सी जगह जहां तू नहीं मौजूद'' - भले ही यह गाना किसी महबूबा के लिये गाना गया हो किन्तु ड्रग्स यानि नशीले पदार्थों पर भी उतना ही लागू है। सवाल है कि हमारी सुरक्षा एवं जांच एजेन्सियां क्या कर रही है जो बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार और नेपाल से आने वाली ऐसी खेपों को रोक नहीं पाती है।

विगत 16 सितम्बर को गुजरात के कच्छ में मुंद्रापोर्ट पर, जो तीन हजार किलोग्राम हेरोइन ईरानी टेल्कम पाउडर की शक्ल में बरामद हुई, उसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 21 हजार करोड़ रुपये बतायी गयी। यह पूरी दुनिया में अब तक पकड़ी गयी ड्रग्स की सबसे बड़ी मात्रा है। उल्लेखनीय है कि अभी तक हमारे देश में पूरे साल जांच एजेंसियां ड्रग्स की जो धरपकड़ करती रही है, उसमें कुल मिलाकर सालाना बरामदगी ढाई हजार किलोग्राम तक रही है, लेकिन एक ही बार में तीन हजार किलोग्राम हेरोइन का देश में आना बताता है कि या तो देश में ड्रग्स की खपत कई-कई गुना बढ़ गयी है या फिर भारत ड्रग्स पूर्ति के किसी नेटवर्क का बड़ा केन्द्र बन गया है। दोनों ही सूरतों में हालात चिंताजनक है। पकड़ी गयी ड्रग्स देश में खपत का आधार बनाने से जुड़ा आंकलन बताता है कि इससे 75 लाख युवाओं को नशे की चपेट में लाया जा सकता था। ऐसी धरपकड़ केवल गुजरात के पोर्ट में नहीं हुई है, बल्कि महाराष्ट्र, यूपी, पंजाब, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान और मध्य प्रदेश आदि राज्यों में ड्रग्स तस्करी के कई बड़े गिरोहों का भंडाफोड़ हुआ है।

भारत दुनिया का सबसे युवा देश कहा जाता है। यहां की 65 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। दुर्भाग्य है हमारे देश की युवा पीढ़ी में नशाखोरी की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। इस अंधी गली में युवतियां भी शामिल हो गयी हैं। एक अनुमान के मुताबिक हमारी कुल 130 करोड़ आबादी में से 10 करोड़ से अधिक लोग नशा सेवन करते हैं। इनमें अधिकतर नौजवानों को नशाखोरी की लत लग चुकी है। हमारा अधिक ध्यान लड़के और लड़कियों के छोटे-बड़े कपड़े पहनने, वालों को बढ़ाने आदि पर है पर नशाखोरी की प्रवृत्ति को कैसे कम किया जाय या कैसे रोका जाय इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। नशाखोरी को पश्चिम से आयी प्रवृत्ति बोलकर एवं पश्चिमी संस्कृति को खरी-खोटी सुनाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेते हैं। नशाखोरी की आदत के चलते गम्भीर अपराध जैसे बलात्कार, हत्या की घटनायें भी यौन शोषण जैसे प्रवृत्तियों को नशाखोरी को जन्म देती है।

इस भयंकर या भयावह परिस्थिति से निपटने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कितना मुस्तैद है इसकी जानकारी हमें नहीं है। हम कह सकते हैं सिने तारकों को जैसे सुशांत सिंह राजपूत या उसकी महिला मित्र रिया चक्रवर्ती या फिर शाहरुख के पुत्र आर्यन खान या अनन्या पांडे को घंटों ''ग्रिल'' करने से पूरी मीडिया को कई दिनों की खुराक मिल सकती है पर इस कैन्सर की तरह फैली बीमारी का उपचार सम्भव नहीं है।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की भारत सरकार ने 1986 में स्थापना की थी। 35 वर्ष पुरानी संस्था के पास पूरी क्षमता है एवं यह एक सर्वोच्च समन्वय एजेन्सी है। देश के हर छोटे बड़े नगर में इसके कार्यालय है। इस संगठन ने नशाखोरी को रोकने के लिए कितने कदम उठाये हैं, इसकी जानकारी नहीं मिल रही है। कोई रिपोर्ट भी सरकार ने प्रकाशित नहीं की है। ड्रग्स कारोबार में कई बड़े रसूखदार लोग शामिल हैं। उनको घेरने या दबोचने के लिये यह संगठन क्या काम कर रहा है, इसकी जानकारी सामने आनी चाहिये। बीच-बीच में मादक पदार्थ के सौदागरों की धर-पकड़ होती है पर कानून के छिद्रों के कारण वे बच निकलते हैं। पहले तम्बाकू युक्त पान मसाला ने अपना जाल देश भर में फैलाया। जब सरकार ने कदम उठाया तो इन मसाला वालों ने इसका नाम दे दिया ''माउथ फ्रेशनर'' यानि मुख शुद्धि। अमिताभ बच्चन से लेकर बड़े स्टार उसके विज्ञापन में शामिल है। यह ''माउथ फ्रेशनर'' क्या है। नाम बदलने से क्या प्रवृत्ति रुक सकती है। कल शराब को ''सोमरस'' जैसा सात्विक नाम देकर चलाया जायेगा और सरकार सिर्फ सूंघती रहेगी।

फिल्मी जगत के वरिष्ठ संवाद लेखक जावेद अख्तर का कहना है कि फिल्म उद्योग के हाई प्रोफाइल लोगों को पकड़ कर क्या नशे के व्यापक जाल को कम कर सकते हैं। लेकिन इन फिल्मी सितारों के पास दो-चार ग्राम नशीली टॉनिक पकड़ कर नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड को टीवी और अखबारों से बड़ी पब्लिसिटी मिलती है किन्तु इस गहरी समस्या का हल नहीं। फिल्मी दुनिया में नशाखोरी आम बात है, इसमें सन्देह नहीं पर इसके बाहर की दुनिया में भी इसका सागर बहुत गहरा है। लेकिन लोग समझते हैं कि एनसीबी बड़ा काम कर रहा है जबकि सच्चाई यह है कि यह समस्या से निपटने के लिये कम और पब्लिसिटी स्टन्ट ज्यादा है।

Comments

  1. युवा भारत में युवा पीढ़ी क्या गुल खिला रही है इसके लिए उनका परिवार ही दोषी है क्योंकि वो इतनी आजादी एवं सुविधा युवाओं को देकर यह नहीं दैखते कि वो कैसे जी रहे हैं क्या खा रहे हैं तथा क्या पी रहे हैं.
    शक करना उचित नहीं है लेकिन हर जवान बच्चों पर पैनी नजर रखना बीच बीच में टोकते रहना सरप्राइज विजीट उनके नीजी स्थलों पर महीने भर में एकाध बार होनी चाहिए.
    आपका हर लेख पढकर बहुत कुछ सीखने को मिलता है.आप हमेशा स्वस्थ एवं मस्त रहे.
    दिवंगत ओमप्रकाश शर्मा उर्फ आदरणीय डा विश्रांत विशिष्ट ने हम लोगो को मिलाया मुझे आप जैसा अभिभावक मित्र मिला मुझे बेहद खुशी है इस उम्र में आप भी आप आधी रात के बाद हर मित्र को अखबार व्हाट्सएप से भेज रहे हैं मै आभारी हूँ प्रणाम 🙏

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  2. Nasha karne se samaj dishahin ki or jaane lagta hai

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  3. प्रणाम आदरणीय
    आज की युवा पीढ़ी भटक रही है, गुमराह हो रही है ।सोचनीय विषय है कि क्या अभिभावक अपनी भूमिका का निर्वाह सही ढंग से कर पा रहे हैं?
    जवाब ना ही आएगा क्योंकि सभी जीवन की भाग दौड़ में इस तरह मशरूफ हो गए हैं कि जिन बच्चों के लिए इतनी मेहनत करते हैं पैसे जोड़ते हैं, अच्छा जीवन, अच्छा भविष्य देने की सोच रखते हैं उन बच्चों के लिए ही वह समय नहीं निकाल पाते ।बच्चों को पैसे और सुख- सुविधा के अलावा भी माता- पिता के प्यार की आवश्यकता है, अपनेपन की आवश्यकता है। जिस तरह माता-पिता अपने बच्चे को समझ पाएंगे, वैसा कोई और नहीं कर सकता। पर हम अभिभावक यह नहीं सोच पाते हैं कि उन बच्चों को हमारे साथ और समय की भी उतनी ही आवश्यकता है जितनी धन दौलत की। एनसीबी अपना काम पूरी लगन ईमानदारी से करें ,यह बहुत अच्छी बात है पर उन्हें हिम्मत दिखाते हुए छोटी मछलियों को पकड़ने के बाद बड़े शार्क को भी पकड़ने से नहीं चूकना चाहिए। युवाओं को नशे की लत पकड़वाने वाले लोगों को पकड़ना होगा। मास्टरमाइंड नहीं छूटना चाहिए। पर देखा जाए कहाँ तक यह संभव हो पाता है । एनसीबी दो चार बच्चों को पकड़कर ही अपनी बड़ी जीत ना समझे , युवाओं को गुमराह करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करना अत्यंत आवश्यक है समाज को सुरक्षित करने के लिए , अपने देश की युवा शक्ति को मजबूत करने के लिए। युवाओं को गुमराह होने से बचाने की जिम्मेदारी ना सिर्फ़ अभिभावक बल्कि संपूर्ण समाज को है।

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  4. Filmi duniya ko dekh kar aaj kal ke yuva sab kuch sikhte hai , to unko aachii chije dikho or add v acche chijo ka do na ki bahar ke add me is sab star ko hona chaiye , aapko dekh k log inspire hote hai or aap galat chij ka publicity karke yuva jo bol rhe ho bahar masal ye sab khao, in sab me jo v nasheri hai unko saja do , jacky chaib ka beta v pakraya tha case me but unhone kahi kuch v nahi kia or bete ko saja hone diya or yaha aryan ko bachane pura bollywood agaya.. or ncb itna bara department or wankhede ji jaise aache officer ko galat bolna thik nahi, pehele dekhiye kya sahi or galat hai fir boliye .

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  5. Deepak prasad
    Aaj ke yug me Nasha ek fashion ho gaya bade bade high society me Nasha karna ek aam ghatna hai kyu yeh kalyug hai isliye paap 75/ percent hai punya 25/ percent hai kyu ki kalyug avi
    Ist step me hai Nasha ko koe rok nahi sakta

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