काजी जी दुबले क्यों

 काजी जी दुबले क्यों 

सहर के अंदेशे से?

पुरानी कहावत है- मियां-बीबी राजी तो क्या करेगा काजी? लेकिन काजी साहब आजकल जमाने से नाराज चल रहे हैं, उनका कहना है कि जब तक काजी नहीं राजी तो हाथ नहीं लगेगी बाजी। हमारे यहां जैसे-जैसे शिक्षा का प्रसार हो रहा है और समाज के बन्द दरवाजे खुल रहे हैं वयस्क लड़के और लड़कियां जाति और मजहब की दीवार लांघकर या तोड़कर अब एक दूसरे को हो रहे हैं। लेकिन धर्म, मजहब या जातियों के आकाओं को इसमें विसंगतियां नजर आने लगी और उनके ललाट की रेखायें खिंच रही है। इसी संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी की सरकारों को यह भी चिन्ता है कि मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़कियों का शोषण कर रहे हैं एवं कहीं हिन्दू नाम बदलकर और कहीं और कुछ झूठ बोलकर हिन्दुओं की भलमनसाहत का नाजायज फायदा उठाते हैं। इसीलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कड़ा कानून बनाने और दोषियों के ''राम नाम सत्यÓÓ करने सम्बन्धी बयान दिया। भाजपा की हरियाणा और मध्य प्रदेश सरकार भी कुछ ऐसा ही करने का सोच रही है। 



पिछले माह ही तनिष्क ज्वैलरी के एक विज्ञापन को लेकर हमल्ला मचा और कम्पनी को विज्ञापन वापस लेना पड़ा। उस विज्ञापन को भी लव जिहाद की संज्ञा दे दी गयी क्योंकि उसमें सास को मुस्लिम एवं बहू को हिन्दू दिखाया गया था।

इस्लाम में जिहाद का अर्थ होता है धर्मयुद्ध। वर्तमान हालात में लव जिहाद एक गढ़ा हुआ शब्द है जिसका मतलब शादी का झांसा देकर इस्लाम में धर्म परिवर्तन करवाने को समझा जाता है। माना जाता है कि लव जिहाद एक धोखा है जिसके तहत मुस्लिम छोकरा, किसी हिन्दू छोकरी को प्रेमजाल में फंसा कर पहले शादी कर लेता है और बाद में उसे धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर करता है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में 100 से ज्यादा ऐसी घटनायें सामने आई थी जिनमें जबरदस्ती धर्म परिवर्तन किया गया था। इसके अन्दर छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तन करने का मामला था। यूपी सरकार के नये अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की सजा का प्रावधान है। अंतर्धर्मीय शादियों के विरुद्ध और भी कई कानून बनाये गये हैं।

मशहूर शायद मुनव्वर राणा, लव जिहाद के खिलाफ योगी सरकार के लाये गये धर्मांतरण कानून पर ट्विट कर कहा कि लव जिहाद सिर्फ एक जुमला है जो समाज में नफरत फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे सबसे ज्यादा मुकसान तो मुस्लिम लड़कियों का ही होता है क्योंकि लड़के कहीं और शादी कर लेते हैं। इसी आधार पर राणा ने कहा, इस कानून की हिमायत हम इस शर्त पर करते हैं कि सबसे पहले केन्द्र सरकार में बैठे दो बड़े नेताओं (शाहनवाज और नकवी) से इसकी शुरुआत की जाये ताकि दो मुस्लिम लड़कियों का निकाह उनसे हो सके। उन्होंने मांग की है कि जिन भाजपा नेता या उनके परिवार के लोगों ने गैर धर्म में शादियां की है उन पर कार्रवाई हो। राणा की तरह ही ओवैसी को भी लगता है कि धर्मांतरण कानून संविधान की भावनाओं के खिलाफ है। कई मुस्लिम धर्मविद् योगी सरकार द्वारा लाये गये धर्मांतरण कानून के पक्ष में भी खड़े हैं इसमें लखनऊ ईदगाह के ईमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, ऑल इंडिया महिला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्षा शाइस्ता अंबर जैसी हस्तियां शामिल हैं।

इस मुद्दे ने तूल पकड़ा था जब केरल हाईकोर्ट ने 25 मई को हिन्दू महिला अखिला अशोकन की शादी रद्द कर दी। निकाह से पहले अखिला ने धर्म परिवर्तन करके अपना नाम हादिया रख लिया था, जिसके खिलाफ अखिला उर्फ हादिया के माता-पिता ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आरोप लगाया गया कि उनकी बेटी को आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में फिदायीन बनाने के लिए लव जिहाद का सहारा लिया गया है। जिसके बाद केरल हाईकोर्ट ने अखिला उर्फ हादिया और शफीन के निकाह को रद्द कर दिया था। उसके बाद अखिला उर्फ हादिया के पति शफीन ने केरल हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को एनआईए जांच के आदेश दिये थे। वैसे निकाह के लिए किसी गैर मुस्लिम युवती को मुस्लिम धर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर करना गैर इस्लामी भी है।

कानूनी पचड़े और धार्मिक उन्माद या संकीर्णता से ऊपर उठकर सोचा जाये तो जहां प्रेम है, वहां जिहाद का क्या काम? प्रेम होना युद्ध के ठीक विपरीत की स्थिति है। जहां प्रेम होगा वहां तो सारे जिहादों का अंत होना लाजमी है। फिर भी भारत में यह शब्द चल पड़ा है - लव जिहाद यानि प्रेम के विरुद्ध धर्मयुद्ध!

इस प्रेम युद्ध के खिलाफ भाजपा की लगभग सभी प्रांतीय सरकारों ने जिहाद छेड़ देने की घोषणा कर दी है। वे ऐसे लड़कों को सजा देना चाहते हैं जो किसी लड़की को मुसलमान बनाने के लिए उससे शादी का नाटक रचते हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि ऐसी शादियां विदेशी पैसे के बल पर योजनावद्ध षडयंत्र के तहत होता है। सरकार के विशेष जांच दल (सिट) ने ऐसे 14 मामलों की जांच-पड़ताल के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि इनमें एक भी मामला ऐसा नहीं जो इसकी पुष्टि करता हो। दरअसल ''लव जिहादÓÓ शब्द की जड़ें केरल, कर्नाटक में है। पिछले 10-11 वर्षों में केरल और कर्नाटक के पादरी शिकायत कर रहे हैं कि लगभग 4 हजार ईसाई लड़कियों को जबरन मुसलमान बनाया गया है। उन्हें डरा-धमका कर लालच देकर या झूठ बोलकर उनका धर्म-परिवर्तन कराया गया। जो काम ब्रिटिश हुकूमत के जमाने में विदेशी पादरी लोग मूंछों पर ताव देकर करते थे, वही आरोप इन्होंने इस्लामी मुल्ला-मौलवियों पर लगा दिया।

दुर्भाग्यवश मजहब और जाति आज की राजनीति के सबसे मजबूत हथियार बन गये हैं। लेकिन सच्चा प्रेम हो वहां मजहब, जाति, धन बल वगैरह अपने आप दरी के नीचे सरक जाते हैं। कोई भी कानून प्रेम-प्रसंग में अड़ंगा लगाये वह अनैतिक है। ऐसा कोई भी कानून असंवैधानिक हो जायेगा जो हिन्दू और मुसलमानों पर एक जैसा लागू नहीं होगा। योगी सरकार मुस्लिमों के प्रति असहिष्णुता है इसके लिए बहुत से उदाहरण हैं। पर हम इस पचड़े में नहीं जाकर किसी सम्प्रदाय के विरुद्ध कानून बनाने के पहले उनके प्रतिनिधियों से बातचीत हो जाती तो किसी न किसी मुद्दे पर हम एकमत होते और ऐसा कानून बनता जो सभी को स्वीकार्य हो। यूपी में ऑपरेशन मजनूं भी इसलिए कड़ी आलोकना का शिकार हुआ क्योंकि इसको किसी समुदाय के विरुद्ध लागू किया गया। प्रेम का जमाना दुश्मन हो रहा है। उसे कृष्ण के प्रति मीरा का प्रेम भी रास नहीं आया जहां धर्म की कोई दीवार नहीं थी। प्रसंगवश मुझे उस जोगन की यह बात याद आती है :

जो मैं जानती प्रेम करे दु:ख होय

नगर ढिंढोरा पिटती, प्रेम न करियो कोय।

Comments

  1. मैं ज्यादा तो कुछ नहीं जानती इन सब बातों के लिए किंतु इतना जानती हूं अकबर जोधा का प्रेम जग जाहिर है जहां तक मेरी समझ गए अकबर ने जोधा को धर्म परिवर्तन पर जोर नहीं दिया था बस इतना ही आपका लेख अच्छा लगा
    इन दिनों मैं न्यूज़ बहुत कम पढ़ रही हूं टीवी में भी नहीं देखती आज यूं ही अचानक इस पेपर के द्वारा यह चिंतन पड़ा यूं ही कुछ कॉमेंट्स मैं लिख दिया।

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  2. लव जिहाद इन दिनों चर्चा के केन्द्र में है। यूपी में इसकी रोकथाम के लिए कानून बनाने से इस मुद्दे पर बहस चल पड़ी है। प्रेम पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। यह सत्य है। लव जिहाद का मुद्दा इस नैसर्गिक प्रेम भावना से अलग है या नहीं यह भी विचारणीय है। हिन्दुत्ववादी राजनीतिक दल इस मामले को विशेष रूप से अनावश्यक तूल दे रहे हैं,ऐसा अन्य राजनीतिक दलों का कहना है। ऐसा नहीं कि ये घटनाएं केवल केरल,कर्नाटक, उत्तर प्रदेश में ही नहीं हुई हैं। भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और यूके में लव जिहाद के मामले सामने आए हैं। यह एक सच्चाई है इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। झूठ बोल कर, अपनी पहचान छिपा कर, कोई भी यदि प्रेमजाल में फांस कर धर्म परिवर्तन कर विवाह करने के लिए मजबूर करता है तो निश्चित रूप से दंडनीय अपराध है। ईसाई,सिख और हिंदू धर्म की लड़कियों के ऐसे लव जिहाद के मामले सामने आते रहे हैं। इस तथ्य को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए हमारे यहां पहले से ही कानून है फिर इस नए कानून को बनाने की जरूरत क्यों है,कहीं बात कुछ और तो नहीं?
    जहां तक हिन्दू लड़कियों से मुस्लिम समुदाय के लड़कों के प्रेम प्रसंग और शादी की बात है, बहुतेरे ऐसे हैं लेकिन उनमें से किसी ने भी अपनी पहचान छिपाकर ऐसी शादियां नहीं की है। समाज ने उन्हें स्वीकार भी किया है। बहरहाल एक बहुत ही जरूरी मुद्दे पर आपने संपादकीय पूरी छानबीन और इसके इतिहास को सामने रखकर लिखा है।

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  3. समसामयिक मुद्दों पर आधारित एक बेहतरीन आलेख ...बधाई हो आदरणीय 💐💐🙏🙏

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