भूमध्य सागर में बिताई सात रातें

भूमध्य सागर में बिताई सात रातें


बचपन से ही घुमक्कड़ स्वभाव का रहा हूं। नये स्थानों पर जाने और उनके बारे में नयी जानकारियां लेना मेरा शौक है। मैं इस बात पर विश्वास नहीं करता कि जिस गांव जाना नहीं उसका पता पूछने से क्या फायदा बल्कि मेरा मानना है कि व्यक्ति को जानकारी रखनी चाहिये, भले ही उस जानकारी से उसको त्वरित लाभ न हो। वैसे पेशागत पत्रकारिता भी यही मानती है।

कई बार देश-विदेश भ्रमण का मौका मिला। बस, ट्रेन, हवाई जहाज जहां जो साधन उपलब्ध है, उसका उपयोग किया। इस बार दो सप्ताह की विदेश यात्रा का अधिकांश हिस्सा भूमध्य सागर में क्रूज पर बीता। एस.एस.सी. क्रूज पर मेरा परिवार के कुल 19 सदस्य थे। मैं सबसे अधिक उम्र एवं नौ माह का बच्चा सबसे कम आयु का और बाकी बीच वाली उम्र के, ने एक सप्ताह क्रूज से विभिन्न देशों की यात्रा की। इटली की राजधानी रोम में दो दिन रहने के बाद बन्दरगाह सिविटावेचिया (Civitavecchia) से हमने कूच किया। एम. एस.सी सी व्यू क्रूज एक विशालकाय शिप है जिसकी लम्बाई 325 मीटर, चौड़ाई 45 मीटर बतायी गयी। क्रूज 21 मंजिला पांच सितारा होटल अपने ऊपर लेकर चल रहा था। इसमें 2 हजार से अधिक कमरे हैं जिसमें पांच हजार लोग ठहरे हुये थे। इसके अलावा इस एम. एस. सी. सी. व्यू. क्रूज के लगभग एक हजार सेवारत कर्मचारी एवं अधिकारी हमसफर थे। इस विशाल क्रूज में कई स्वीमिंग पुल, रेस्तरां, जिम, क्रीड़ांगन, केशिनोव भी हैं। एक थियेटर हॉल भी है जिसकी क्षमता 600 से अधिक लोगों के बैठने की है। विभिन्न रोशनियों एवं सजावट से सुसज्जित इस जलायान में यह महसूस नहीं होता कि हम समुद्र पर यात्रा कर रहे हैं। भूमध्यसागर में क्रूज रातभर चलता था और सुबह किसी पोर्ट पर लंगर बांध देता था। दिन भर शैलानी घूम फिर कर निर्धारित समय तक लौट आते थे और फिर जहाज अपनी यात्रा पर निकल पड़ता था।

ईसाइयत की पवित्र सरजमीं वेटिकन सिटी जो दुनिया का सबसे छोटा देश है, फ्रान्स में कान (कान्स) जो अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिये मशहूर है, ओलम्पिक खेलों की वर्ष 2002 में मेजबानी करने वाले बारसीलोना (स्पेन), अपने शानदार भवन निर्माण शिल्प (Architecture) के लिए प्रसिद्ध सगराडा, संसार के प्रसिद्ध चित्रकार पिकासो का शहर, दुनिया का अजूबा पिसा की झुकी हुई मीनार, स्पेन के पलमा डी मलोरका (बलेटिक द्वीप समूह), जिनोआ (इटली) अपनी वीरता के लिए किंवदंती बने नेपोलियन बोनापार्ट की जन्म स्थली अजासियो (फ्रान्स) आदि-आदि भव्य नगरों एवं टापुओं का दिग्दर्शन करवाता हुआ हमारा जहाज हमें वापस रोम ले आया। फिर रोम से हम उड़ कर जेनेवा (स्विट्जरलैंड) आ गये। घडिय़ों एवं यूएनओ की कई शाखाओं वाले जेनेवा शहर में चार गाडिय़ां हमारी प्रतीक्षा कर रही थी जिसकी ऑन लाईन बुकिंग हमने कोलकाता शहर से ही कर ली थी।

जेनेवा शहर से इन गाडिय़ों में हम करीबन 150 किलोमीटर दूर रास्ते भर स्विट्जरलैंड की मनमोहक हरियाली और बर्फ से ढकी हुई पर्वत शृंखला का नजारा देखते हुए लेसिन पहुंचे। लगभग 6 हजार फिट पर बसा हुआ यह छोटा सा कस्बा अपने मनमोहक एवं नयनाभिराम पर्वत शृंखला के लिये शैलानियों की पसन्द है। यहां मेरे परिवार हेतु हमने चार कॉटेज बुक किये हुए थे। लेसिन लॉज में दो दिन एवं तीन रातें बिताये। अगले दिन हम सभी मोन्ट्रू गये। यह छोटा सा शहर विश्व प्रसिद्ध कॉमेडियन चार्ली चैपलिन के लिए जाना जाता है। हॉलीवुड (अमेरिका) से प्रताडि़त होने के पश्चात् चैपलिन स्विट्जरलैंड में इसी स्थान पर जीवन के अन्तिम पच्चीस साल बिताये। यहां उनका घर अब दर्शनीय स्थल बन गया है। मकान के सामने चैपलिन म्यूजियम है जहां उनके जीवन से सम्बन्धित कई सामान हैं। उनकी फिल्में दिखाई जाती है। साथ ही चैपलिन के विभिन्न रूपों के पुतले भी यहां हैं।

हमारा अंतिम पड़ाव स्विट्जरलैंड की आर्थिक राजधानी ज्यूरिख था। रात देर तक ज्यूरिख की सड़कों पर चहल पहल थी। चार डब्बे वाली ट्रामें दौड़ती नजर आई।

दो वर्ष पहले भी मैं यूरोप के कुछ देशों में गया था। इस बार कुछ नयी जगहों पर घूमने का मौका मिला। भारतीय पर्यटक बड़े-बड़े झुण्ड में मिल जाते हैं। स्विट्जरलैंड तो लगा भारतीय शैलानियों का दूसरा घर बन गया है। इंडियन फूड कहीं भी मिल जाता है। कई पाकिस्तानियों एवं बंगलादेशियों ने यूरोप के शहरों में भोजनालय खोल दिये हैं। वहां शाकाहारी भोजन भी उपलब्ध है। पीसा में एक रेस्तरां का परिचारक बंगलादेशी का था, उसने बड़े प्रेम से खाना खिलाया। स्विट्जरलैंड में भी बारासात (प. बंगाल) के एक मुस्लिम बंगाली ने अपनी रेस्तरां में खाना बनाकर खिलाया। विदेश में जाकर पाकिस्तान, बंगलादेश के लोग भाई-भाई नजर आते हैं। बारसीलोना (स्पेन) के एक पाकिस्तानी टैक्सी वाले ने हमारी मदद की जबकि वहां के लोकल टैक्सी वाले ने हमें बीच रास्ते में उतार दिया। बारसीलोना में पचास हजार पाकिस्तानी और करीब दस हजार भारतीय रहते हैं। एक और स्थान पर एक दुकानदार ने कहा कि आप लोग हमारे दुश्मन देश से हैं। हमने कहा हमारी दुश्मनी आपसे नहीं आपकी हुकूमत से हैं क्योंकि वह भारत विरोधी आतंकियों को पालती है। फिर पाकिस्तानी दुकानदार ने बड़ी आत्मीयता से बात की और खरीदे हुये सामान पर डिस्काउंट भी दिया।


एमएससी क्रूज



क्रूज के ऊपरी तल से समुद्र के गुबार को देखते हुए।


अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव की नगरी कान्स (फ्रान्स) के एक ऑडिटोरियम के सामने पुत्रवधू एवं पुत्री के साथ।


पीसा (इटली) में फोटो ट्रिक के जरिये झुकी हुई मीनार को सम्हालते हुए।



वेटिकन सिटी (रोम) में सपत्नीक

Comments

  1. आपकी कलम की जादू ने हमें कोलकाता में बैठे बैठे स्विट्जरलैंड रोम वैटिकन सिटी आदि विभिन्न जगहों की सैर करा दी। मनभावन तस्वीरें बहुत ही खूबसूरत लगीं। क्रूज देखकर किसी शहर का अहसास हुआ। भारत अभी भी पर्यटन उद्योग में पीछे है। आपको बधाई और शुभकामनाएं

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  2. The happiness of your travel has helped you to write like that reading it we have became your happiness's companion.I believe that one travel lover can only share his happiness with everyone. And if it is with whole family then there is no comparison. Because if we share our happiness with everyone then the happiness will be double. At last I wish that through this travelling you and your family be happy and healthy.
    With regards,
    TAPASHI BOSE.

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