आया प्यार का मौसम
हमारे देश में बसंत सर्वश्रेष्ठ ऋतु मानी जाती है। इसमें फूल अपने पूरे शबाब में रहते हैं। मौसम कहीं ठंडा तो कहीं रुमानी होता है। बसन्तु ऋतु पर सहस्त्रों कविताएं रची जा चुकी है। इसी मौसम में 14 फरवरी को वेलेन्टाइन डे भी मनाया जाता है। यह अन्तरराष्ट्रीय दिवस है। पश्चिमी देशों में ज्यादा प्रचलित है। समझ में नहीं आता कि इस समय यूरोप के अधिकांश हिस्सों में बर्फ रहती है - बर्फीली हवा चलती है। ऐसे सर्द मौसम में रोमान्स कैसे सूझता है। पश्चिम वाले ठंड के आदी होते हैं पर वे भी प्रेमालाप खुले आकाश के नीचे ही करते होंगे। बल्कि हमारे देश की आवोहवा और मिजाज इस फरवरी के महीने पूरे तुंग पर रहता है।
भले ही वेलेन्टाइन डे की शुरुआत रोम में हुई हो और पूरा यूरोप इसके आगोश में डूब जाता है पर हमारे देश में हम पूरे होशोहवाश में इस मौसम में प्यार का इजहार करते हैं। बंगाल में तो सरस्वती पूजा का दिन प्रथम प्रेम और प्रेम के इजहार का सर्वमान्य दिवस है। 15-16 साल की गुडिया जब पीत रंग की या धानी साड़ी पहन कर निकलती है तो मोहल्ला उसे आंख फाड़-फाड़ कर देखता है। मां-बाप को भी लगता है कि बिटिया सयानी हो गयी है। झुंड में लड़कियां घूमती है, वाणी अर्चना करती है। और घूमते-फिरते प्रेम या प्रणय के अंकुर उनमें प्रस्फुटित होने लगते हैं। घर लौटते-लौटते उसकी शौकियां बयां करती हैं कि उसका मन हिलोरे लेने लगा है और वह पे्रम की वर्णमाला पढ़ रही है।
भारतीय संस्कृति में प्रेम का महत्व आदिकाल है। प्यार करने वालों के लिए फरवरी का माह काफी खास होता है। रिश्तों को जीने के लिए भी यह खास है। हाल के वर्षों में घर, रेस्तरां, पार्क में वेलेंटाइन वीक मनाने का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। कुछ लोग इसका विरोध करते हैं पर प्रेम की गति अबाध होती है।
प्यार के इस पावन त्यौहार के लिए बाजार में दिन के हिसाब से खूबसूरत गिफ्ट मौजूद है। होटलों में इसकी तैयारी पूरी हो गयी है। 7 फरवरी रोज डे पर गुलाब के फूल का आदान-प्रदान धड़ल्ले से होता है। उस दिन गुलाब का फूल महंगा हो जाता है और दुर्लभ भी। युवक-युवतियां ही नहीं किशोर-किशोरियों द्वारा इस दिन एक-दूसरे को गुलाब फूल देकर प्यार व दोस्ती का इजहार किया जाता है।
कार्डों का बाजार गर्म हो रहा है। इसमें वाट्सअप नहीं चलता। कार्ड प्यार की पाती का काम करता है। 50 रुपये से लेकर 1500रुपये तक के कार्ड उपलब्ध हैं। दिल की आकृति वाला कार्ड सबसे लोकप्रिय है। दिल की आकृति वाली टेडीवेयर, झूला में बैठे कपल, लड़कियों के लिए ब्रेसलेट और लॉकेट भी उपलब्ध हैं। प्यार में मुंह मीठा चॉकलेट से होता है। स्विस चॉकलेट सबकी पसन्द है। आजकल विवाह-शादी में मिठाई की जगह महंगे चॉकलेट दिये जाते हैं। कभी चॉकलेट के साथ बच्चों का ही रिश्ता था पर अब चॉकलेट ने हर उम्र को अपना दिवाना बना लिया है।
8 फरवरी को प्रपोज डे यानि इस दिन आप अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं। 9 को चॉकलेट डे पर रिश्ते में मिठास घोली जाती है। 10 फरवरी को टेडी डे है। टेडी बहुत ही कोमल होता है। जब आप इस दिन अपने प्यार को टेडी गिफ्ट करेंगे, तो आपके दिल की बात अपने आप ही साथी तक पहुंच जायेगी। 11 फरवरी को प्रोमिस डे - कसम खाने का दिन। प्यार और कसम का गहरा रिश्ता होता है। अगले दिन 12 फरवरी को जादू की झप्पी तो बनती है जरूर। इसलिए यह दिन ''हग डेÓÓ कहलता है पर भावुकता में कोई बदतमीजी न कर बैठें। प्यार में बदतमीजी का कभी स्थान नहीं होता। अब मामला एक नाजुक दौर में पहुंच जाता है। इसलिये 13 फरवरी ''किस डेÓÓ है यानि दिल की बात जुबान तक आती है और कभी-कभी यह सारे शिकवे खत्म कर देती है। फिर चेतावनी दे दें कि भावना में बहकर कोई ज्यादती नहीं कर बैठें। और फिर फिनाले यानि 14फरवरी को वेलेंटाइन डे। इस दिन अपने दिल की बात खुलकर कह सकते हैं। इश्क के इजहार का ''श्योर शॉटÓÓ। एक अच्छा सा गिफ्ट जरूर दें। गिफ्ट महंगा न हो पर उनको भा जाये कछ ऐसा हो। जरूरी है कि अपने प्रेमी या प्रेमिका की पसन्द को बारीकी से समझें।
यह प्यार का कैलेण्डर है। आप कह सकते हैं हमारी तरफ से टिप्स है। आप आजमा सकते हैं। पर सही समय पर सही काम हो और प्रेम में ईमानदारी बरतें तो प्यार जितना सुख और शकून देता है, वह आपको और कहीं नहीं मिल सकता।
दुनिया का हर बंधन प्यार से बना होता है, अगर प्यार न हो, तो जिन्दगी में खुशियां नहीं हो सकती। वैसे प्यार का इजहार कभी वक्त या मुहूर्त देखकर नहीं किया जाता, प्यार बिन बोले भी बयां हो जाता है। प्यार अहसास का एक ऐसा समुंदर है, जिसमें अगर तूफान भी आये, तो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। प्यार त्याग, विश्वास की ऐसी डोरहै जिसे बस महसूस कर सकते हैं। उसे शब्दों में पिरोना आसान नहीं। ऐसे ही प्यारे अहसास को जब एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है, वह एक दिन यादगार दिन बन जाता है। जीवन में जब सब कुछ प्यार ही है, तो इस अनमोल अहसास को वक्त देना भी बहुत जरूरी है और वक्त शायद इस भाग-दौड़ की दुनिया में कहीं खो गया है। वक्त एक ऐसा पंछी है, जो अगर हाथ से निकल गया, तो वापस नहीं आता और जिन्दगी में वक्त सुन्दर यादों में ही कैद हो पाता है। दीवाली, राखी, क्रिसमस, होली जैसे त्यौहार जब भी मनाये जाते हैं, उनसे अपनों के बीच प्यार और भी गहरा हो जाता है। प्यार को वैसे किसी विशेष दिन की जरूरत नहीं, पर वक्त की तेज रफ्तार में कहीं न कहीं इसकी जरूरत आ गई है। ऐसे ही प्यार से भरा खुशनुमा त्यौहार है वेलेंटाइन डे। इस दिन सब अपने प्यार के लिए वक्त निकालते हैं।
जो वेलेंटाइन डे का सिर्फ इसलिए विरोध करते हैं कि इस डे की जड़ें पश्चिम में है वे स्वयं दिग्भ्रमित हैं। प्यार पश्चिम, पूरब या ऊपर से नहीं आता, वह दिल की कहराइयों से उभरता है। प्यार ईश्वर की सबसे बड़ी नियामत है यही मनुष्य को पशु से अलग करती है। इन्सान अगर ईश्वर की सबसे महान रचना है तो प्यार उस रचना का बेजोड़ शिल्प है जिसके कारण हम परमपिता के समक्ष नतमस्तक होते हैं।

सभी रविवारीय आलेख बहुत ही सुलझे और सहज रूप से लिखे गए हैं। समसामयिक विषयों को बहुत ही अच्छे तरीके से पाठकों को आकर्षित करने में सक्षम है ।फरवरी का महीना वसंत के आगमन के साथ ही होली तक रहता है और इसका बहुत अच्छा विश्लेषण किया आपने बधाई और शुभकामनाएं
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